4 फरवरी को विश्व कैंसर जागरूकता दिवस मनाया जाता है, वर्ल्ड कैंसर डे की स्थापना यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल UICC के द्वारा की गयी, जिसका उद्देश्य सन 2008 में लिखे गये विश्व कैंसर डिक्लेरेशन को सपोर्ट करना हैं तथा कैंसर के संबंध में फैली गलत धारणाओं को कम कर सकें तथा विश्व कैंसर दिवस मनाने का प्राथमिक उद्देश्य सन 2020 तक कैंसर पीड़ित व्यक्तियों की संख्या में कमी करना और इसके कारण होने वाली मृत्यु दर में कमी लाना हैं।
विश्व कैंसर जागरूकता दिवस की तरह ही भारत में राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस मनाया जाता है।
भारत में 7 नवम्बर को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस मनाया जाता है, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने पहली बार राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस की घोषणा सितंबर 2014 में की थी। राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य कैंसर के लक्षणों और उपचार के बारे में जागरूकता फैलाना है। इसे पहली बार वर्ष 2014 में मनाया गया था। इसकी जागरूकता का उद्देश्य कैंसर के शुरुआती चरणों में ही इसका पता लगाने और उसका समय पर उपचार करने पर केंद्रित है।
WHO विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार साल 2018 में कैंसर ने दुनिया में लगभग 96 लाख लोगों की जान ली थी और इस आंकड़े में भारत का हिस्सा लगभग 8.17% था। बता दें कि कैंसर सौ से अधिक प्रकार के होते हैं। जब शरीर में कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि होती है तो इससे कैंसर होता है और अन्य ऊतकों पर भी आक्रमण करता है।
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यह शरीर के लगभग किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है। शुरुआत में ही कैंसर को डायग्नोस कर लिया जाए तो बेहतर होगा। जानकारों के अनुसार अगर हम हमारे शरीर में होने वाले छोटे-छोटे बदलाव पर ध्यान देंगे तो कैंसर को लक्षणों को पहचान सकेंगे।
निम्न लक्षनो को ध्यान में रखना चाहिए और यदि इनमेंं से कोई भी लक्षन हमें दिखें तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए: -
सोते वक्त पसीना निकलना
गर्मियों में पसीना निकलना आम बात है और अच्छी बात है किन्तु रात में सोते वक्त पसीना ज्यादा आता है, तो यह किसी दवा के शरीर में रिएक्शन या शरीर के अंदर किसी इंफेक्शन का संकेत हो सकता है। यदि यह स्थिति लंबे समय तक बनी हुई है और पसीना ज्यादा निकल रहा है तो डॉक्टर से जरूर सलाह लेना चाहिए।
शरीर में दर्द
लगातार पीठ में दर्द हो रहा हो, तो यह कैंसर का कारण हो सकता है। इसमें कमर के आस-पास की मांसपेशियों में भी दर्द होता है। बिना कारण के थकान महसूस हो रही है, तो यह भी कैंसर का शुरुआती लक्षण हो सकता है।
वजन का घटना
बेवजह वजन का घटना अच्छे संकेत नहीं है। यह कैंसर का शुरूआती लक्षण हो सकता है। भूख कम लगना, ज्यादा खाना न खा पाना भी इसके लक्षण है। यदि बिना किसी कोशिश के शरीर का वजन चार-पांच किलो से ज्यादा कम हो जाए, तो इसे कैंसर के प्राथमिक लक्षण हो सकता है।
पेट की समस्या
हम पेट की समस्या को कई बार सामान्य मान लेते हैं। यह जरूरी नहीं कि पेट में गैस या पेट में दर्द की समस्या सामान्य कारणों से हो। आंतों में सामान्य समस्या होना बड़ी बात नहीं, लेकिन अगर लगातार आंतों में समस्या है तो यह कोलेन या कोलोरेक्टल कैंसर का शुरुआती लक्षण हो सकता है। डायरिया और अपच की समस्या इसका लक्षण हैं।
सीने में जलन
आए दिन सीने में जलन होना बहुत बड़ी बात नहीं लगती। अपच भी आम समस्या हैं। लेकिन लगातार सीने में जलन और अपच की शिकायत हो तो ये लक्षण चिंता का कारण बन जाते हैं।
हमारी समस्त पाठको से अपील है कि विश्व तथा राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस के उद्देस्यो की पूर्ति करने में सभी अपना योगदान करे।
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